चीन ने ताइवान समर्थकों पर निगरानी के लिए नया चैनल लॉन्च किया.
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Jinping Launches Tip Off Channel: चीन ने ताइवान समर्थकों पर नजर रखने के लिए नया ‘सूचना देने का चैनल’ शुरू किया है, जिससे ताइवान में चिंता बढ़ गई है. बीजिंग ने जनता से ताइवान की स्वतंत्रता समर्थकों की जानकारी दे…और पढ़ें

चीनी सरकार ने बुधवार को एक नया ‘सूचना देने का चैनल’ शुरू किया है. (फोटो AP)
हाइलाइट्स
- चीन ने ताइवान समर्थकों पर नजर रखने के लिए नया चैनल शुरू किया.
- बीजिंग ने जनता से ताइवान स्वतंत्रता समर्थकों की जानकारी देने की अपील की.
- ताइवान में चीन के इस कदम से चिंता बढ़ी.
Jinping Launches Tip Off Channel: चीन में नागरिकों पर निगरानी कोई नई बात नहीं है. यहां उन नागरिकों पर खासा नजर रखी जाती है जो सरकार विरोधी होते हैं. चीन ने हाल ही में एक नया फरमान जारी किया है, जो ताइवान के समर्थकों और स्वतंत्रता के पक्षधरों में डर का माहौल पैदा कर सकता है. चीनी सरकार ने बुधवार को एक नया ‘सूचना देने का चैनल’ शुरू किया है, जिसमें जनता से अपील की गई है कि यदि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति या समूह के बारे में जानकारी हो जो ताइवान की स्वतंत्रता के पक्ष में काम कर रहा हो या चीन के साथ शांति स्थापित करने में रुकावट डाल रहा हो, तो वे उसका नाम बीजिंग तक पहुंचा सकते हैं.
चीन का आरोप है कि ताइवान की शासक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) लोगों को दबा रही है और उन पर अत्याचार कर रही है. बुधवार 26 मार्च को चीन के स्टेट काउंसिल के ताइवान अफेयर्स ऑफिस ने इस चैनल की घोषणा करते हुए फरमान जारी किया. इसमें कहा गया कि ताइवान के कुछ नेता, सरकारी अधिकारी और सोशल मीडिया पर एक्टिव कुछ प्रभावशाली लोग ‘गुंडों’ की तरह काम कर रहे हैं और DPP के अपराध में उसकी मदद कर रहे हैं.
ताइवान के नागरिक भी दे सकते हैं जनाकारी
चीनी प्रशासन का कहना है कि ताइवान का कोई भी व्यक्ति अगर इस तरह के उत्पीड़न का शिकार हो रहा है या उसके पास इससे जुड़ी कोई भी जानकारी है, तो वह इस नए चैनल के जरिए रिपोर्ट कर सकता है. बीजिंग ने यह भी आश्वासन दिया कि शिकायत करने वाले व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाएगी और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इन आरोपियों को किस तरह की सजा दी जाएगी.
टेंशन में ताइवान
इस फरमान के बाद ताइवान में चिंता बढ़ गई है कि बीजिंग न सिर्फ ताइवान में, बल्कि विदेशों में भी स्वतंत्रता समर्थकों पर दबाव डालने की कोशिश करेगा. पहले भी बीजिंग ने ताइवान के प्रमुख व्यापारियों और नेताओं पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिन्हें उसने ‘विभाजनकारी गतिविधियों’ के आरोप में निशाना बनाया है.
चीन का यह नया कदम ताइवान की सरकार के लिए चुनौती बन सकता है, क्योंकि ताइवान के कई नागरिक और प्रभावशाली लोग चीन की आलोचना करते हुए खुले तौर पर स्वतंत्रता और लोकतंत्र की बात करते हैं. ऐसे में बीजिंग का यह फरमान ताइवान में असहमति और विरोध को दबाने का नया तरीका नजर आता है. यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ताइवान और बाकी देश चीन के इस फरमान के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं और क्या यह विवाद और बढ़ेगा.