What Are The Challenges Of Being A Single Parent Know How To Overcome Parenting Tips - Amar Ujala Hindi News Live
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Parenting Tips इस लेख में एकल अभिभावक के सामने आने वाली चुनौतियों या बच्चे की परवरिश में सामना की जाने वाली कई बाधाओं के बारे में प्रकाश डाला गया है।

सिंगल पैरेंट का क्या मतलब होता है?
एकल अभिभावक (Single Parent) परिवार का अर्थ एक ऐसे परिवार से हैं, जहां बच्चे के पालन-पोषण की जिम्मेदारियां या तो केवल मां उठाती हैं या केवल पिता। इसके लिए उनके पास जीवनसाथी या लिव-इन पार्टनर नहीं होता है। सिंगल पैरेंट होने के कई कारण हो सकते हैं।
तलाक होने या जीवनसाथी की मृत्यु के बाद बिना जीवनसाथी के दूसरा साथी अकेले ही बच्चे का पालन पोषण करता है। एकल अभिभावक के लिए बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं होता, बल्कि कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में एकल अभिभावक के सामने आने वाली चुनौतियों या बच्चे की परवरिश में सामना की जाने वाली कई बाधाओं के बारे में प्रकाश डाला गया है।

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भावनात्मक चुनौतियां
– फोटो : Freepik
सिंगल अभिभावक होना भावनात्मक तौर पर आपके लिए मुश्किल हो सकता है। बच्चे के पालन के लिए साथी की कमी के कारण आप अकेलापन, गिल्ट और तनाव महसूस कर सकते हैं। उनके पास परवरिश को लेकर दैनिक जिम्मेदारियां साझा करने के लिए कोई साथी नहीं होता, ऐसे में भावनात्मक समर्थन की कमी महसूस करते हैं।

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आर्थिक चुनौतियां
– फोटो : freepik
एकल माता या पिता आर्थिक समस्या का भी सामना कर सकते हैं। बच्चों की देखभाल के साथ ही आपके लिए काम और नौकरी को मैनेज करना एक बड़ी चुनौती बन जाती है। बच्चों की परवरिश के लिए आपको आर्थिक तौर पर मजबूत होना जरूरी है। लेकिन काम पर जाना बच्चों को पालने में बाधक बनता है। ऐसे में अधिकतर मामलों में सिंगल पैरेंट पर आर्थिक दबाव भी अधिक रहता है।

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समय की कमी
– फोटो : Adobe stock
बिना साथी की मदद के बच्चों को पालने के कारण कई बार एकल माता या पिता खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। कई बार तो वह बच्चों को भी समय नहीं दे पाते हैं। अकेले सारी जिम्मेदारियों का भार होने से आपके पास समय की कमी हो सकती है और आप बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम नहीं बिता पाते, जिससे भविष्य में बच्चे पर बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं।

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गलत परवरिश
– फोटो : freepik
समय की कमी के कारण आप बच्चे पर अधिक फोकस नहीं कर पाते, उन्हें वक्त नहीं देते, जो उनके मस्तिष्क पर बुरे प्रभाव डालता है। साथ ही कई बार सिंगल पैरेंट अकेले बच्चे को नहीं संभाल पाते और धीरे-धीरे बच्चों को उनके हाल पर छोड़ देते हैं। अकेला बच्चा गलत संगत, गलत आदतें जल्दी अपना लेता है, क्योंकि उसकी निगरानी कर पाना अकेले माता पिता के लिए कुछ मुश्किल हो सकता है। इससे बच्चे की शिक्षा, स्वास्थ्य या व्यवहार पर भी असर पड़ सकता है।