Success Story: मां-बाप डॉक्टर, 19 साल में बेटी बनी शतरंज की वर्ल्ड चैंपियन, आप कैसे कमा सकते हैं करोड़ों?

Last Updated: July 29, 2025, 18:01 IST Success Story, Nagpur girl Divya Deshmukh: नागपुर की एक 19 साल की बेटी ने वूमेंस चेस वर्ल्ड कप की विजेता बनी है. इस लड़की की कहानी उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरक है जो चेस में करियर बनाना चाहते हैं. Chess Champion, World Chess Championship, Who is Divya Deshmukh: कौन हैं नागपुर की दिव्‍या देशमुख? हाइलाइट्स दिव्‍या देशमुख के माता-पिता दोनों डॉक्‍टर. शतरंज की चैंपियन हैं दिव्‍या देशमुख. खेल से कमाए कई करोड़. Success Story, Nagpur girl Divya Deshmukh: 19 साल की उम्र में दिव्या देशमुख ने शतरंज की दुनिया में तहलका मचा दिया.2025 FIDE वूमेंस वर्ल्ड कप जीतकर वे भारत की पहली ऐसी महिला बन गईं,जिन्होंने यह खिताब अपने नाम किया. नागपुर की रहने वाली इस युवा खिलाड़ी ने न सिर्फ अपने खेल से दुनिया को हैरान किया, बल्कि यह भी दिखाया कि मेहनत और जुनून से कोई भी सपना हकीकत बन सकता है. उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं और उन्‍होंने इस यात्रा में हर कदम पर साथ दिया.आइए जानते हैं पूरी कहानी और साथ ही यह भी समझते हैं कि अगर आप या आपका बच्चा शतरंज में करियर बनाना चाहता है तो क्या करना होगा और कहां से शुरुआत करनी होगी?

Who is Divya Deshmukh: दिव्या देशमुख कौन हैं?

दिव्या देशमुख का जन्म 9 दिसंबर 2005 को नागपुर महाराष्ट्र में हुआ. उनके पिता डॉ. जितेंद्र देशमुख और मां डॉ. नम्रता देशमुख दोनों डॉक्टर हैं. दिव्या ने भवन्स भगवानदास पुरोहित विद्या मंदिर नागपुर से 12वीं तक पढ़ाई की जहां वे पढ़ाई में भी टॉपर रहीं. 12वीं के बाद उन्होंने कॉलेज की बजाय शतरंज पर फोकस किया और डिस्टेंस लर्निंग के जरिए स्पोर्ट्स साइकोलॉजी और डेटा एनालिटिक्स जैसे ऑनलाइन कोर्स शुरू किए.शतरंज के प्रति उनकी रुचि तब जगी जब उनकी बड़ी बहन बैडमिंटन खेलने जाती थी.बैडमिंटन का नेट उनके लिए ऊंचा था लेकिन उसी बिल्डिंग में चल रही एक शतरंज क्लास ने उनकी जिंदगी बदल दी.

Divya Deshmukh Success Story:पिता ने कराई शतरंज की शुरुआत

पांच साल की उम्र में ही दिव्या की प्रतिभा चमकने लगी थी. उनके पिता शौकिया तौर पर शतरंज खेलते थे.उन्‍होंने दिव्‍या को भी शतरंज सीखाना शुरू किया.राहुल जोशी और ग्रैंडमास्टर श्रीनाथ नारायणन जैसे कोचों की मदद से उन्होंने शतरंज की बारीकियां सीखीं.इसके बाद तो दिव्‍या इस फील्‍ड की मास्‍टर हो गई.2012 में उन्‍होंने 7 साल की उम्र में नेशनल अंडर-7 चैंपियनशिप जीती.2014 में डरबन में वर्ल्ड यूथ अंडर-10 चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता.2017 में ब्राजील में वर्ल्ड यूथ अंडर-12 चैंपियनशिप में गोल्ड जीता.2021 में वह भारत की 21वीं वूमन इंटरनेशनल मास्टर बनीं.2022 में दिव्‍या का भारतीय महिला शतरंज चैंपियनशिप में पहला स्थान रहा. 2023 में वह एशियन वूमन चैंपियनशिप में गोल्ड और टाटा स्टील इंडिया रैपिड में विजेता रहीं जहां उन्होंने हारिका द्रोणावल्ली और कोनेरु हम्पी को हराया.2024 में दिव्‍या ने वर्ल्ड जूनियर गर्ल्स अंडर-20 चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर ऐसा करने वाली चौथी भारतीय बनीं.2024 में ही 45वें चेस ओलंपियाड में भारतीय महिला टीम के साथ गोल्ड मेडल और बोर्ड 3 पर व्यक्तिगत गोल्ड (9.5/11 अंक) जीता. अब वह 2025 में FIDE वूमेंस वर्ल्ड कप जीतकर भारत की पहली महिला चैंपियन बनीं और ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया.

Women Chess World Cup Final: वर्ल्ड कप 2025 में धमाल

FIDE वूमेंस वर्ल्ड कप 2025 में दिव्या ने 15वीं सीड के रूप में शुरुआत की.उन्होंने हारिका द्रोणावल्ली, वंतिका अग्रवाल, कोनेरु हम्पी, इरिना क्रुश और नीना बत्सियाशविली जैसे दिग्गजों को हराया.सेमीफाइनल में 23 जुलाई 2025 को चीन की पूर्व वर्ल्ड चैंपियन टैन झोंग्यी के खिलाफ पहला गेम ड्रॉ रहा, लेकिन दूसरे गेम में व्हाइट पीस के साथ दिव्या ने शानदार जीत हासिल की.फाइनल में कोनेरु हम्पी के खिलाफ दोनों क्लासिकल गेम ड्रॉ रहे, लेकिन रैपिड टाईब्रेक में दिव्या ने 1.5-0.5 से जीतकर खिताब अपने नाम किया. इस जीत ने उन्हें 2026 वूमन कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई कराया और ग्रैंडमास्टर का खिताब दिलाया.

Divya Deshmukh Net Worth: कितनी हैं दिव्या देशमुख की कमाई?

पांच साल की उम्र से शतरंज खेलने वाली दिव्‍या देशमुख भारत की युवा शतरंज महिला ग्रैंडमास्‍टर हैं.महज पांच साल की उम्र में ही उन्होंने नेशनल अंडर 7 चैंपियनशिप जीता. दिव्‍या देशमुख की नेटवर्थ लगभग 7-8 करोड़ रुपये बताई जा रही है. उनकी कमाई का मुख्‍य जरिया शतरंज ही है.

Career in Chess: शतरंज में करियर कैसे बनाएं?

अब सवाल यह उठता है कि दिव्‍या जैसी शतरंज का प्‍लेयर बनने के लिए क्‍या करना होगा? तो आपको बता दें कि शतरंज एक ऐसा खेल है जो दिमागी कसरत, धैर्य और रणनीति सिखाता है. भारत में विश्वनाथन आनंद, प्रज्ञानंद, गुकेश और अब दिव्या देशमुख जैसे खिलाड़ियों ने इसे करियर का शानदार विकल्प बनाया है.अगर आप या आपका बच्चा शतरंज में करियर बनाना चाहता है तो आपको क्‍या करना होगा?

1. शुरुआत छोटी उम्र से करें

आप छोटी उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू कर दें.5-7 साल की उम्र में चैस खेलना सीखें.सबसे पहले
बेसिक्स सीखें.इसके तहत शतरंज के नियम प्यादे, घोड़ा, रानी की चालें और बेसिक ओपनिंग्स समझें.इसके लिए Chess.com, Lichess.org (मुफ्त) या बच्चों के लिए ChessKid.com पर गेम खेलें और ट्यूटोरियल देखें.रोज 10-15 टैक्टिकल पजल्स हल करें. यह गेम में तेजी लाता है. स्थानीय शतरंज क्लब में शामिल हों जहां नियमित प्रैक्टिस और छोटे टूर्नामेंट मिलें.

2. कहां से ले सकते हैं कोचिंग और ट्रेनिंग?

एक अच्छा कोच आपकी कमजोरियों को सुधार सकता है और रणनीति सिखा सकता है.दिव्या ने राहुल जोशी और श्रीनाथ नारायणन से कोचिंग ली.अगर आप इसकी कोचिंग लेना चाहते हैं तो आप चाणक्य शतरंज अकादमी और नागपुर जिला शतरंज संघ से कोचिंग ले सकते हैं. इसकी फीस 2,000-5,000 रुपये/महीना तक है.चेन्नई के वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी (WACA) जहां विश्वनाथन आनंद के मार्गदर्शन में ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग मिलती है.इसकी फीस 10,000-20,000 रुपये/महीना लगती है.इसी तरह आप दिल्ली शतरंज संघ और तलवार शतरंज अकादमी से भी ट्रेनिंग ले सकते हैं.यहां फीस 3,000-8,000 रुपये/महीना लगती है. साउथ मुंबई शतरंज अकादमी और प्रफुल्ल झवेरी शतरंज स्कूल में 5,000-15,000 रुपये/महीना फीस लगती है. About the Author Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य…और पढ़ें न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य… और पढ़ें homecareer मां-बाप डॉक्टर, 19 साल में बेटी बनी शतरंज की वर्ल्ड चैंपियन, कैसे बनाएं करियर?

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