RG Kar Case केंद्रीय जांच एजेंसी कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) की केस डायरी में इन विसंगतियों का बारीकी से विश्लेषण कर रही है। जांचकर्ता यह आकलन कर रहे हैं कि क्या ये विसंगतियां संभावित सुबूतों से छेड़छाड़ या जानबूझकर हेरफेर की ओर इशारा करती हैं। एजेंसी द्वारा तीन अप्रैल को कलकत्ता हाई कोर्ट के समक्ष अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या मामले में सीबीआई को कोलकाता पुलिस की केस डायरी में बड़ी खामियां मिलीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी एकोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) की केस डायरी में इन विसंगतियों का बारीकी से विश्लेषण कर रही है। जांचकर्ता यह आकलन कर रहे हैं कि क्या ये विसंगतियां संभावित सुबूतों से छेड़छाड़ या जानबूझकर हेरफेर की ओर इशारा करती हैं।
कोर्ट में क्या तर्क दे सकती है सीबीआई?
एजेंसी द्वारा तीन अप्रैल को कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की एकल न्यायाधीश पीठ के समक्ष अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है। केस डायरी प्रस्तुत करने के साथ सीबीआई के वकील यह तर्क दे सकते हैं कि त्रुटियां महत्वपूर्ण सुबूतों को विकृत करने के प्रयास के संदेह को पुष्ट करती हैं।
बता दें कि जूनियर महिला डॉक्टर का शव पिछले साल नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हाल में मिला था। मामले में शहर की पुलिस ने केस डायरी सहित संबंधित दस्तावेजों को केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया है। अपनी स्वतंत्र जांच में सीबीआई ने अपनी केस डायरी तैयार की, जिसे पिछले सप्ताह प्रस्तुत किया गया।
कोलकाता पुलिस की गलतियों पर क्या बोली सीबीआई?
सूत्रों के अनुसार कोलकाता पुलिस द्वारा तैयार किए गए मूल रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद सीबीआई अधिकारियों ने ऐसी गंभीर त्रुटियों की पहचान की है, जो इतनी बुनियादी हैं कि अनुभवहीन अधिकारी भी उन्हें करने की संभावना नहीं रखते। यदि ये गलतियां जानबूझकर की गई साबित होती हैं, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।