Ola Electric को तीसरी बार मिला नोटिस, परिवहन मंत्रालय ने मांगा इन 3 सवालों का जबाव
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत की प्रमुख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता कंपनी Ola Electric को एक बार फिस से केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से नोटिस मिला है। यह तीसरी बार है, जब ओला इलेक्ट्रिक को नोटिस भेजा गया है वो भी फरवरी महीने में हुई बिक्री और रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी को लेकर। इस नोटिस से साफ हो गया है कि इस मामले की जांच को और भी कड़ा कर दिया गया है और कंपनी की तरफ से दी जा रही जानकारी से मंत्रालय संतुष्ट नहीं हुआ है।
क्या है मामला?
- Ola Electric ने फरवरी महीने में 25,000 स्कूटर की बिक्री का दावा किया था, लेकिन इनमें न केवल 8,652 स्कूटरों का ही रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके पीछे का कारण कंपनी ने बताया है कि उन्हें अपने वाहन रजिस्ट्रेशन विक्रेताओं से विवाद का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही यह भी कहा था कि वह मार्च के अंत तक फरवरी में बेचे गए सभी स्कूटरों का रजिस्ट्रेशन पूरा कर लेगी।
- अभी तक मार्च महीने में करीब 19,000 Ola Electric स्कूटरों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है, लेकिन इसमें भी साफ नहीं है कि इसमें कितने स्कूटर को फरवरी में बेचा गया था और कितने मार्च महीने में। वहीं, अब मंत्रालय ने नोटिस भेजकर यह पूछा है कि क्या फरवरी में बेचे गए Ola स्कूटर सड़क पर बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं, क्या ये स्कूटर ग्राहकों को बिना नंबर प्लेट के दिए गए हैं, और क्या Ola के स्कूटर बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के स्टोर से बेचे जा रहे हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई और जांच
- Ola Electric को अभी तक तीन नोटिस भेजा जा चुका है। इससे पहले 18 मार्च को और 21 मार्च को भेजा जा चुका है। तीसरा नोटिस भेजने के साथ ही सरकार ने कंपनी से सात दिन के अंदर जवाब मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि उसके पास वैध व्यापार प्रमाण पत्र हैं या नहीं, और कितने मॉडल वैध ट्रेड सर्टिफिकेट के साथ बेचे जा रहे हैं।
- Ola Electric की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही है, कंपनी के खिलाफ कई राज्यों में भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है। पंजाब, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के बाद, अब उत्तराखंड में भी कंपनी के शो रूम सील कर दिए गए हैं और स्कूटरों को जब्त किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि वहां पर व्यापार प्रमाण पत्रों की कमी देखने के लिए मिली है।