GST चोरी पकड़ने के लिए अब ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म, 1 अप्रैल से कई नियमों में बदलाव; जानिए इसके बारे में

सरकार आगामी 1 अप्रैल 2025 से जीएसटी चोरी रोकने के लिए ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म लागू करने जा रही है। यह प्रणाली विशेष रूप से एफएमसीजी तंबाकू और फार्मा उत्पादों पर लागू होगी। इस मैकेनिज्म के तहत माल की सप्लाई कोड के माध्यम से ट्रैक होगी। उल्लंघन करने वाले निर्माताओं पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता। ई-इनवॉयस और जीएसटी पंजीकरण से जुड़े नियमों में भी बदलाव होंगे।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष 2025-26 में जीएसटी चोरी पकड़ने के लिए सरकार ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म की शुरुआत करने जा रही है। चालू वित्त वर्ष के लिए जुलाई में पेश बजट में ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म की घोषणा की गई थी। हालांकि अब तक इस मैकेनिज्म को लेकर अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन जानकार आगामी अप्रैल से इन मैकेनिज्म के लागू होने की संभावना जाहिर कर रहे हैं।

जीएसटी विशेषज्ञ एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रवीण शर्मा ने बताया कि कुछ विशेष प्रकार की वस्तुओं के लिए ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म का इस्तेमाल किया जाएगा।माना जा रहा है कि एफएमसीजी सेक्टर, तंबाकू संबंधित आइटम के अलावा दवा एवं प्रसाधन आइटम की पूरी सप्लाई चेन के लिए इस मैकेनिज्म का इस्तेमाल होगा। इस प्रकार की वस्तुओं की बिक्री वास्तविक सप्लाई से कम पाई जा रही है। मैकेनिज्म के तहत फैक्ट्री से माल के निकलने से लेकर रिटेल दुकान तक पहुंचने तक की जानकारी सरकार के पास होगी।

खास कोड जेनेरेट करके देगा जीएसटी विभाग

जीएसटी विभाग इस प्रकार की वस्तुओं के मैन्यूफैक्चरर्स को अपना सॉफ्टवेयर देगी और चयनित वस्तुओं के लिए विशेष कोड का सृजन करना होगा। वह कोड उस सॉफ्टवेयर से जुड़ा होगा जिससे वस्तुओं की सप्लाई की जानकारी में कोई हेराफेरी नहीं हो सकेगी।विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म के तहत आने वाली वस्तुओं के निर्माता अगर इसे नहीं अपनाएंगे तो कम से कम एक लाख रुपए तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। एक अप्रैल से जीएसटी नियमों में होने वाले बदलाव आगामी एक अप्रैल से सालाना 10 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाले कारोबारियों को ई-इनवायस के जारी होने के 30 दिनों के भीतर उसकी जानकारी इनवायस रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर देना अनिवार्य होगा। पहले इस प्रकार की जानकारी देने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी।

पुराने यूजर्स को पहचान अपडेट कराना होगा

आगामी एक अप्रैल से जीएसटी पोर्टल यूजर्स की पुख्ता पहचान के लिए उन्हें अपनी कई पहचान की जानकारी देनी होगी। पुराने यूजर्स को भी अपनी पहचान को अपडेट करना होगा। इसके अलावा अगर किसी कारोबारी ने एक पैन नंबर से अलग-अलग राज्यों में जीएसटी का कई पंजीयन कराया हुआ है तो ऐसे कारोबारी को इनपुट टैक्स क्रेडिट के वितरण के लिए इनपुट सर्विस डिस्टि्रब्यूटर के रूप में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
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