Anurag Kashyap Talks About Pan-India Movies and Say Everyone Wants To Be An SS Rajamouli But They Fails | 'राजामौली की 10 सस्ती कॉपियां..' फिर आया अनुराग कश्यप को गुस्सा, पैन-इंडिया फिल्मों को लेकर कह दी ये बात
Anurag Kashyap On Pan-India Movies: ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘देव डी’, ‘ब्लैक फ्राइडे’ और ‘रमन राघव 2.0’ जैसी की शानदार फिल्मों का डायरेक्शन करने वाले और अब अभिनय के दुनिया में अपना हाथ आजमाने वाले अनुराग कश्यप पिछले काफी समय से बॉलीवुड से काफी नाराज हैं और अक्सर वहां की स्थिति को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते रहते हैं. हाल ही में उन्होंने नेटफ्लिक्स पर आई ‘Adolescence’ जैसी वेब सीरीज को भारत में सपोर्ट न किए जाने पर जमकर आलोचना की थी.
इसके अलावा, उन्होंने साउथ फिल्म इंडस्ट्री में बेहतर माहौल होने की बात कहकर वहां जाकर नई शुरुआत के बारे में बताया था. अब उन्होंने पैन-इंडिया फिल्मों की खामियों पर भी अपनी बात रखी. उनका मानना है कि आजकल हर कोई एक जैसी फिल्में बनाने की कोशिश कर रहा है, जिससे फिल्मों में ओरिजनलिटी खत्म होती जा रही है. उनका मानना है कि स्टूडेंट्स को फिल्मों और किताबों तक पहुंच मिलनी चाहिए, ताकि वे अपनी खुद की पहचान बना सकें.
एस.एस. राजामौली की कॉपी करते हैं लोग
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एस.एस. राजामौली अपनी यूनिक सोच के दम पर हिट फिल्में बनाते हैं, लेकिन उनके जैसे और 10 निर्देशक उन्हें कॉपी करने की कोशिश करते हैं, जो असफल होते हैं. उन्होंने ‘KGF’ का उदाहरण भी दिया और बताया कि जब एक फिल्म सफल होती है तो सभी उसी तरह की फिल्में बनाने लगते हैं, जो गलत है. राजामौली की ‘बाहुबली’ फ्रेंचाइज ने भारतीय सिनेमा को इंटरनेशनल पहचान दिलाई थी. इसके बाद ‘RRR’ ने भी जबरदस्त सफलता हासिल की.
पैन-इंडिया फिल्में होती हैं सफल
वहीं, ‘KGF’ कन्नड़ सिनेमा की पहली पैन-इंडिया ब्लॉकबस्टर बनी, जिसे प्रशांत नील ने निर्देशित किया और होम्बले फिल्म्स ने प्रोड्यूस किया था. इस फिल्म में सुपरस्टार यश मुख्य भूमिका में थे. अनुराग कश्यप ने एक मास्टरक्लास में कहा कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री की पैन-इंडिया फिल्में कोई नई बात नहीं हैं. अनुराग ने बताया कि 1990 में ‘प्रतिबंध’ भी एक पैन-इंडिया फिल्म थी. उनके मुताबिक, ‘फौलादी मुक्का’ और ‘शिवा’ भी पैन-इंडिया फिल्में थीं.
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ब्लॉकबस्टर फिल्मों की कॉपी बनाते हैं डायरेक्टर्स
उन्होंने कहा कि ये कोई नई चीज नहीं है, बल्कि एक पुराना फॉर्मूला है. परेशानी ये है कि आजकल ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाने के नाम पर लोग दूसरों के पैसे से फिल्में बना रहे हैं, जबकि उनका असली मकसद सिर्फ अपने लाइफस्टाइल को बेहतर बनाना होता है, न कि अच्छी फिल्में बनाना. अनुराग ने फिल्मों को ‘सॉसेज’ जैसा बताया, जो एक जैसी दिखती हैं. उन्होंने कहा कि हर फिल्म निर्माता को अलग होना चाहिए और अपनी खुद की खासियत लानी चाहिए.
अपने आइडियाज पर बना सकें फिल्में
उन्होंने कहा कि अगर सभी एक ही तरह की फिल्में बनाएंगे, तो सिनेमा में कुछ नया देखने को नहीं मिलेगा. उन्होंने ये भी कहा कि छात्रों को अलग-अलग फिल्मों और किताबों से प्रेरणा लेनी चाहिए, ताकि वे अपने खुद के आइडियाज से फिल्में बना सकें. बता दें, ‘प्रतिबंध’ 1990 में आई एक हिंदी एक्शन फिल्म थी, जिसे रवि राजा पिनिसेट्टी ने निर्देशित किया था. इसमें चिरंजीवी और जूही चावला मुख्य भूमिका में थे.
पैन इंडिया की हिट फिल्में
इसके अलावा ‘फौलादी मुक्का’ एस.पी. मुथुरमन की 1983 की तमिल फिल्म ‘पायम पुली’ का हिंदी वर्जन था. वहीं, ‘शिवा’ 1990 की एक हिंदी फिल्म थी, जो राम गोपाल वर्मा की 1989 की तेलुगू फिल्म का रीमेक थी. इस फिल्म से नागार्जुन ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था और इसमें अमला भी थीं. बाद में अनुराग ने ‘सत्या’ (1998) और ‘शूल’ (1999) जैसी फिल्मों की कहानियां लिखी, जो बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट हुईं.