ससुर ने कही ऐसी बात… दिल पर ले गई बहू, तीनों बच्चों के साथ मिलकर खा ली जहर मिली चाऊमीन

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। शाहगंज थाना क्षेत्र के सबरहद गांव में एक महिला ने ससुर की डांट से आहत होकर इतना खौफनाक कदम उठा लिया, जिससे पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। 27 वर्षीय महिला ने अपने तीन मासूम बच्चों के साथ चाऊमीन में कीटनाशक मिलाकर खा लिया। इसमें एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि महिला और बाकी दोनों बच्चे अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।

मामूली डांट बनी खौफनाक घटना की वजह जानकारी के अनुसार, गांव निवासी रामचंदर कनौजिया चौकीदारी का काम करते हैं। सोमवार दोपहर उनकी बहू सविता (पत्नी दीपचंद) अपने बच्चों को डांट रही थी। तभी रामचंदर ने सविता को टोका और डांट दिया। ससुर की फटकार से आहत होकर सविता ने बेहद खतरनाक कदम उठाने का फैसला कर लिया। गुस्से में सविता ने घर पर बनी चाऊमीन में कीटनाशक मिला दिया और इसे अपने तीनों बच्चों – 8 वर्षीय सत्या, 6 वर्षीय शिवम और महज 8 महीने के बेटे शिवांश को खिला दिया। इसके बाद खुद भी उसी जहरीली चाऊमीन को खा लिया।

बिगड़ी हालत, मासूम की मौत कुछ देर बाद ही चारों की हालत अचानक बिगड़ने लगी। जब घरवालों और गांव वालों को इसका पता चला तो आनन-फानन में उन्हें नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां से गंभीर हालत देखते हुए 6 वर्षीय शिवम को जिला अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन रास्ते में ही मासूम शिवम की मौत हो गई। वहीं, अन्य दोनों बच्चों और सविता का इलाज निजी अस्पताल में जारी है। सविता की हालत बिगड़ने पर उसे भी जिला अस्पताल रेफर किया गया है। पूरे परिवार में इस घटना के बाद मातम का माहौल है।

भाई ने लगाया आरोप, पुलिस जांच में जुटी सविता के भाई विनय ने आरोप लगाया कि घर में लंबे समय से पारिवारिक विवाद चल रहा था। उसी वजह से उसकी बहन ने यह कदम उठाया। उन्होंने कहा कि बहन को परिवार से मानसिक प्रताड़ना मिल रही थी, जिससे वह टूट चुकी थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। एएसपी (ग्रामीण) आतिश कुमार सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि ससुर की डांट के बाद बहू ने यह खतरनाक कदम उठाया। उन्होंने कहा कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। ससुर से पूछताछ की गई है और सविता की हालत ठीक होने पर उसके बयान भी दर्ज किए जाएंगे।

पति है बेंगलुरु में जानकारी के मुताबिक, सविता का पति दीपचंद बेंगलुरु में नौकरी करता है। घटना की खबर मिलते ही वह तुरंत घर के लिए रवाना हो गया है। परिवार और रिश्तेदारों का कहना है कि सविता अक्सर पारिवारिक दबाव और झगड़ों से परेशान रहती थी।
समाज के लिए चेतावनी यह घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी चेतावनी है। छोटी-सी डांट या विवाद को गंभीरता से लेकर जब कोई व्यक्ति इस तरह का कदम उठाता है, तो उसका खामियाजा मासूम बच्चों और पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में गुस्से पर नियंत्रण और पारिवारिक संवाद बेहद जरूरी है। परिवारों में आपसी सहयोग और समझदारी से ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

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