व्हिस्की, रम, वोदका, वाइन और बीयर में फर्क, जानें किसमें कितना है नशा
व्हिस्की, रम, वोदका, बीयर, वाइन में क्या है फर्क, किसमें है कितना नशा, जानें सब कुछ Last Updated: July 27, 2025, 17:51 IST Difference between Types of Alcohol: जानिए व्हिस्की, रम, वोदका, वाइन और बीयर में क्या अंतर होता है. किसमें होता है कितना नशा और किस तरह बनाई जाती हैं ये शराब. अल्कोहल की मात्रा और बनाने की प्रक्रिया के कारण सभी शराब का असर भी अलग-अलग होता है. हाइलाइट्स व्हिस्की में 30-65% अल्कोहल होता है रम में 40% से ज्यादा अल्कोहल होता है वाइन में 9-18% अल्कोहल होता है Difference between Types of Alcohol: शराब पीने के शौकीन लोग बखूबी जानते हैं कि व्हिस्की, रम, वोदका, वाइन और बीयर में क्या अंतर होता है. वहीं, कुछ लोग शौकिया कभी-कभार शराब पीते हैं. अमूमन ऐसे लोगों को शराब के अलग-अलग प्रकारों की जानकारी कम ही होती है. वहीं, जो लोग शराब कभी नहीं पीते उन्हें इनके बारे में जानकारी होना थोड़ा मुश्किल ही होता है. हालांकि कुछ लोग शराब पीते नहीं हैं, लेकिन इसके बारे में काफी जानकारी रखते हैं.
व्हिस्की, रम, वोदका, वाइन और बीयर में अल्कोहल की मात्रा ही अलग नहीं होती है, बल्कि इनको बनाने का तरीका भी अलग होता है. अल्कोहल की मात्रा और बनाने की प्रक्रिया के कारण इनका असर भी अलग-अलग होता है. इसके अलावा सभी के स्वाद और रंग में भी अंतर रहता है. लोग अपनी पसंद के मुताबिक इनमें से किसी एक को या कॉकटेल के लिए दो-तीन तरह की शराब का चयन करते हैं.
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आमतौर पर व्हिस्की में 40 फीसदी अल्कोहल रखा जाता है.
व्हिस्की
दुनिया भर में सबसे ज्यादा व्हिस्की पी जाती है. वो चाहे किसी भी रूप में हो, जैसे स्कॉच, बर्बन, ब्लेंडेड, सिंगल माल्ट या जापानी व्हिस्की. व्हिस्की को गेहूं और जौ जैसे अनाज से तैयार किया जाता है. इसमें 30 से 65 फीसदी तक अल्कोहल रहता है. आमतौर पर व्हिस्की में 40 फीसदी अल्कोहल रखा जाता है. व्हिस्की का सबसे ज्यादा प्रोडक्शन यूरोप में होता है. इसे बनाने के लिए जौ या गेहूं के अंकुरण से मिलने वाले माल्ट के फर्मंटेशन के बाद मिलने वाले घोल के डिस्टिलेशन से बनाई जाती है. कुछ व्हिस्की को बनाने के लिए जौ, गेहूं या राई को पीस कर पानी व खमीर के साथ मिलाया जाता है.
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रम में भी अल्कोहल की मात्रा काफी ज्यादा रहती है.
रम
रम में भी अल्कोहल की मात्रा काफी ज्यादा रहती है. रम में 40 प्रतिशत से ज्यादा अल्कोहल रहता है. वहीं, इसकी कीमत भी काफी कम रहती है. ज्यादातर लोग रम को सर्दियों में पीना पसंद करते हैं. क्योंकि इसे शरीर को गर्माहट देने वाला माना जाता है. रम को बनाने के लिए पहले गन्ने के रस का फर्मंटेशन किया जाता है. इसके बाद इसका डिस्टिलेशन किया जाता है. जले हुए ओक या लकड़ी के बैरल में रम को कुछ समय के लिए रखने से रंग गहरा और स्वाद ज्यादा तीखा हो जाता है. कई बार रम में रंग और स्वाद के लिए गुड़, जली हुई चीनी या कारमेल मिलाया जाता है.
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वोदका मूल रूप से रूस और पोलैंड से जुड़ी है.
वोदका
वोदका का असर तेजी से होता है और काफी देर तक रहता है. वोदका मूल रूप से रूस और पोलैंड से जुड़ी है और इन क्षेत्रों में इसका भारी उत्पादन होता है. वोदका को आलू, चुकंदर के गुड़ (मोलासेस) और विभिन्न प्रकार के अनाज (गेहूं, राई, मकई, जौ) से बनाया जा सकता है. आजकल सबसे ज्यादा वोदका अनाज, मकई या गेहूं से बनाई जाती है. अनाज के मामले में गेहूं से बनी वोदका को सबसे बेहतर माना जाता है. लोग गेहूं से बनी वोदका को उसकी चिकनाई और हल्के स्वाद के लिए पसंद करते हैं. हालांकि, राई या आलू से बनी वोदका के भी अपने प्रशंसक हैं और उनकी अपनी अनूठी विशेषताएं होती हैं. आम तौर पर ज्यादातर वोदका में 35% से 50% (आमतौर पर 40%) अल्कोहल होता है. कुछ वोदका में 60 फीसदी तक अल्कोहल होता है. इतने अल्कोहल वाली वोदका थोड़ी कम आम होती है. इसे अक्सर सावधानी से सेवन करने की सलाह दी जाती है.
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वाइन ज्यादातर रेड और वाइट कलर में आती है.
वाइन
वाइन ज्यादातर रेड और वाइट कलर में आती है. रोज (गुलाबी) वाइन भी होती है, लेकिन मुख्य रूप से वाइन को रेड और व्हाइट में वर्गीकृत किया जाता है. इसमें अल्कोहल की मात्रा कम होती है. इसका स्वाद काफी हल्का होता है. अन्य स्पिरिट्स (जैसे व्हिस्की, रम, वोदका) की तुलना में वाइन में अल्कोहल की मात्रा आमतौर पर कम होती है, और 9-18% की रेंज सामान्य है. इसे बनाने के लिए अंगूर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. वाइन मुख्य रूप से अंगूर से ही बनती है, हालांकि कुछ फलों से भी वाइन बनाई जाती है. लेकिन ‘वाइन’ शब्द विशेष रूप से अंगूर से बनी शराब को दर्शाता है. रेड वाइन लाल या काले अंगूर के पल्प से बनती है. रेड वाइन को उसका रंग और टैनिन अंगूर के छिलकों के साथ फर्मेंटेशन से ही मिलते हैं. व्हाइट वाइन बनाने के लिए अंगूर के रस को छिलकों से अलग करके फर्मेंट किया जाता है. यही कारण है कि यह रंगहीन या हल्के पीले रंग की होती है. भले ही इसे लाल अंगूर से भी बनाया जा सकता है, लेकिन छिलका हटा दिया जाता है.
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बीयर को जौ, चावल और मक्का से बनाया जाता है.
बीयर
बीयर को जौ, चावल और मक्का से बनाया जाता है. बीयर के मुख्य तत्व पानी, माल्टेड अनाज (मुख्यतः जौ), हॉप्स और यीस्ट होते हैं. जौ सबसे आम है, लेकिन चावल और मक्का का उपयोग अक्सर ‘एडजंक्ट’ के रूप में किया जाता है. खासकर लाइट बीयर में, ताकि स्वाद को हल्का किया जा सके या लागत कम की जा सके. तीनों के मिश्रण को गर्म पानी में भिगोया जाता है. मैश करने के दौरान इसमें से तरल निकाला जाता है. इसे हॉप्स के साथ मिलाकर उबाला जाता है. फिर इसे ठंडा किया जाता है. इसके बाद इसका फर्मंटेशन किया जाता है. अधिकांश बीयर में अल्कोहल की मात्रा 4% से 6% ABV (अल्कोहल बाय वॉल्यूम) के बीच होती है. हालांकि, कुछ विशेष प्रकार की बीयर में अल्कोहल की मात्रा 10% या उससे भी अधिक (15% या कभी-कभी और भी ज्यादा) हो सकती है. इसलिए इसका असर भी हल्का ही रहता है. हालांकि, ज्यादा मात्रा में लेने पर इससे भी बहुत नशा हो सकता है. Location : New Delhi, Delhi homeknowledge व्हिस्की, रम, वोदका, वाइन और बीयर में फर्क, जानें किसमें कितना है नशा