आज से एक साथ युद्धाभ्यास करेंगी भारत और अमेरिका की सेनाएं, US के मरीन कॉर्प्स भी लेंगे हिस्सा
भारत और अमेरिका मंगलवार को पूर्वी समुद्री तट पर 13 दिवसीय तीनों सेनाओं का सैन्य अभ्यास शुरू करेंगे जिसका मुख्य फोकस मानवीय सहायता और आपदा राहत पर होगा। भारतीय नौसेना ने सोमवार को कहा कि अभ्यास टाइगर ट्रायम्फ के चौथे संस्करण का उद्देश्य HADR संचालन के लिए अंतर-संचालन क्षमता विकसित करना और एक संयुक्त समन्वय केंद्र (CCC) स्थापित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करना है।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत-अमेरिका की सेनाएं एक साथ थल, वायु और समुद्र पर युद्धाभ्यास करेंगी। इस संयुक्त सैन्य प्रदर्शन को टाइगर ट्रायम्फ नाम दिया गया है। इसमें दोनों देशों की सेनाएं न सिर्फ युद्धक कौशल का प्रदर्शन करेंगी, बल्कि आपदा प्रबंधन में भी नई मिसाल कायम करेंगी।
दोनों देशों की सेनाओं के बीच होने वाला यह अभ्यास एक अप्रैल से शुरू हो रहा है, जो पूर्वी तट पर विशाखापट्टनम और काकीनाडा के तटीय क्षेत्रों में 13 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा। इस संयुक्त युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में दोनों सेनाओं के बीच समन्वय और संचालन क्षमता को बढ़ाना है।
संयुक्त समन्वय केंद्र स्थापित होगा
साथ ही, एक संयुक्त समन्वय केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया तैयार की जाएगी, जिससे किसी आपदा या संकट की स्थिति में भारतीय और अमेरिकी बलों के बीच तेजी से और प्रभावी समन्वय किया जा सके।
अभ्यास में शामिल होने वाले भारतीय दलों में नौसेना के आईएनएस जलश्व, आईएनएस घड़ियाल, आईएनएस मुंबई, आईएनएस शक्ति शामिल हैं। जबकि, वायुसेना में सी-130 विमान, एमआई-17 हेलीकॉप्टर और थल सेना में 91 इन्फैंट्री ब्रिगेड के जवान और विशेष रूप से रैपिड एक्शन मेडिकल टीम साथ रहेगी।
वहीं, अमेरिकी दल में यूएसएस कॉमस्टॉक और यूएसएस रॉल्फ जॉनसन जहाज और अमेरिकी मरीन कॉर्प्स के सैनिक हिस्सा लेंगे। यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है, जब भारतीय सेना म्यांमार में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए तैनात है। इससे पहले 2019, 2021 और 2022 में भी यह अभ्यास आयोजित किया जा चुका है।
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